एसआईआर: कलेक्टर ने सोशल मीडिया पर लोगों से लाइव जुड़कर जानकारी दी
मतदाता सूची संशोधन 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक, 12 दस्तावेज प्रस्तुत करके फॉर्म भरकर हो सकेगा सुधार
दमोह: एसआईआर सर्वे में आ रही समस्याओं को लेकर बुधवार को बुधवार कलेक्टर सुधीर कोचर ने सोशल मीडिया पर लोगों से लाइव जुड़े। उन्होंने इस बीच जानकारी दी कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने, संशोधन, क्लिोपन और स्थानांतरण की प्रक्रिया आगामी 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक चलेगी।
इस दौरान पात्र नागरिक अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए फॉर्म-6 भर सकेंगे, जबकि पहले से दर्ज प्रविष्टियों में किसी भी प्रकार की त्रुटि को सुधारने के लिए फॉर्म-8 अनिवार्य रहेगा। निर्वाचन कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि इस विशेष अभियान के दौरान सभी बीएलओ अपने-अपने वार्ड और क्षेत्र की सूची का निस्तारण करेंगे तथा हर आवेदन की दो प्रतियां ली जाएंगी, जिनमें से एक पर बीएलओ पावती प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि गुरुवार से 8 बजे से शाम 4 बजे तक जनसुनवाई कक्ष में 2003 की मतदाता सूची के पुराने रिकॉर्ड देखने की सुविधा है।
अधिकारियों ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का नाम 2003 की सूची में दर्ज था और वर्तमान में उसका नाम नहीं मिल रहा है, तो संबंधित क्षेत्र के बीएलओ विधानसभा या वार्ड नंबर के आधार पर खोजकर उसकी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। कुछ मामलों में गलत
मैपिंग की शिकायतें भी सामने आई हैं। परिवर्तन सूची में शामिल आदित्य चौरसिया ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी मां का नाम मतदाता सूची में गलत दर्ज हो गया है। इस पर एआरओ द्वारा नोटिस जारी किए जाने और आवश्यक दस्तावेज सत्यापन के बाद संशोधन किए जाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आजम एके ने भी अपनी वहन के रिकॉर्ड में पिता के स्थान पर दादा का नाम दर्ज होने की बात
कही, जिसे फॉर्म-8 के माध्यम से सुधारा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि पुराने ऑनलाइन आवेदन कई बार अधूरे या तकनीकी कारणों से लंबित हो जाते हैं। ऐसे सभी आवेदकों को 9 दिसंबर के बाद नया फॉर्म 6 या फॉर्म-8 भरना होगा, जिसके आधार पर आने वाली जनवरी 2026 की सूची में नाम जोड़ा जाएगा। यदि मोबाइल नंबर बदलना है तो भी फॉर्म 8 भरना जरूरी है; बिना आवेदन के मोवाइल नंबर या किसी अन्य व्यक्तिगत विवरण में बदलाव नहीं किया नाएगा। जिन मतदाताओं के नाम दो स्थानों या दो राज्यों की सूची में पाए जाते हैं, उन्हें दावा-आपत्ति अवधि के दौरान एक स्थान चुनने की सलाह दी गई है। मनीष राय जैसे मामलों में, जहां व्यक्ति मध्यप्रदेश और उत्तराखंड दोनों में दर्ज पाए गए हैं, एक राज्य से नाम हटाकर दूसरे में रखे जाने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
सूची में नाम जुड़वाने के लिए यह दस्तावेज लगेंगे
कलेक्टर ने यह स्पष्ट किया कि इस बार एसआईआर बाद की गई है और आगे कोई सर्वे नहीं होगा। जिन लोगों का नाम अभी कि इस बार एसआईआर की प्रक्रिया 22 वर्ष सूची में नहीं मिल रहा है, उनके लिए दस्तावेज सत्यापन की विशेष व्यवस्था की गई है। इस संबंध में बारह प्रकार के दस्तावेज मान्य हैं, जिनमें जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, बोर्ड की अंकसूची, निवास प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, पारिवारिक रजिस्टर, नियमित पेंशन भुगतान आदेश, भूमि आवंटन और वन अधिकार से जुड़े प्रमाण शामिल हैं। पहचान के तौर पर आधार कार्ड को मान्यता नहीं दी गई है, हालांकि सत्यापन के दौरान इसकी सहायता ली जा सकती है।
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